SHIV CHALISA LYRICS IN MARATHI - AN OVERVIEW

shiv chalisa lyrics in marathi - An Overview

shiv chalisa lyrics in marathi - An Overview

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भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचन्द्र के काज संवारे।।

एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥

जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥

अर्थ: हे शिव शंकर भोलेनाथ आपने ही त्रिपुरासुर (तरकासुर के तीन पुत्रों ने ब्रह्मा की भक्ति कर उनसे तीन अभेद्य पुर मांगे जिस कारण उन्हें त्रिपुरासुर कहा गया। शर्त के अनुसार भगवान शिव ने अभिजित नक्षत्र में असंभव रथ पर सवार होकर असंभव बाण चलाकर उनका संहार किया था) के साथ युद्ध कर उनका संहार किया व सब पर अपनी कृपा की। हे भगवन भागीरथ के तप से प्रसन्न हो कर उनके पूर्वजों की आत्मा को शांति दिलाने की उनकी प्रतिज्ञा को आपने पूरा किया।

भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥

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ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥

राम रसायन तुम्हरे पासा। सदा रहो रघुपति के दासा।।

जो सत बार पाठ कर कोई। छूटहि बन्दि महा सुख होई।।

अर्थ: हे प्रभू आपके समान दानी और कोई नहीं है, सेवक आपकी सदा से प्रार्थना करते आए हैं। हे प्रभु आपका भेद सिर्फ आप ही जानते हैं, क्योंकि आप अनादि काल से विद्यमान हैं, आपके बारे में वर्णन नहीं किया जा सकता है, आप अकथ हैं। आपकी महिमा का गान करने में तो वेद भी समर्थ नहीं हैं।

पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे॥

कंचन बरन बिराज सुबेसा। कानन कुण्डल कुँचित केसा।।

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी । करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥

पाठ करने से पहले गाय के घी का दिया जलाएं और एक कलश में शुद्ध जल भरकर रखें।

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